क्षमा

किसी से निस्वार्थ भाव से प्रेम करने की शक्ति को क्षमाशीलता कहते हैं। आध्यात्मिकता हमारे अतीत के घावों, अपमानों एवं हानियों को भूलाने की शक्ति देती है। क्षमाशील होने का अर्थ है- स्व के प्रति एवं दूसरों के प्रति दयालु होना। आप स्वयं और किसी दूसरे के लिए वास्तविक अपेक्षाएं रखते हैं। आप दूसरों के दृष्टिकोण को देखते हैं और उनके अधिकार को स्वीकार करते हैं। क्षमा करने के लिए सहनशक्ति नामक आध्यात्मिक शक्ति की आवश्यकता होती है। क्षमा कर देने की आपकी वृत्ति में किसी को परिवर्तित एवं प्रेरित करने की शक्ति होती है लेकिन यदि आप किसी को सुधारने अथवा बदलने के लिए सावधान करते हैं तो लोग उससे असंतुष्ट होते हैं और विरोध करते हैं। हालांकि क्षमा करने एवं भूलने की बात कहने में तो आसान लगती है परन्तु इसे कर्म-व्यवहार में लाना कठिन होता है। आध्यात्मिक ज्ञान, आत्मानुभूति एवं अनासक्त भाव हमें व्यावहारिक एवं सहनशील बनाते हैं। उकसाने एवं चोटिल करने वाली घटनाएं आपकी जांच के लिए आती हैं और इससे पता चलता है कि आप वास्तव में अपने मूल्यों के साथ जी रहे हैं अथवा नहीं? एक प्रसिद्ध सूक्ति है कि आप इसे रोक नहीं सकते, नियत्रित नहीं कर सकते और बदल भी नहीं सकते। इस सच्चाई को मान लेने से किसी को क्षमा कर देना अधिक तर्कसंगत हो जाता है।